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सलाह

यात्रियों को यात्रा से पूर्व तैयारियों और चिकित्सा जाँच के लिए दिल्ली में 3 या 4 दिन तक रूकना चाहिए। दिल्ली सरकार केवल यात्रियों के लिए साझा तौर पर खान-पान और ठहरने की सुविधाओं का निःशुल्क प्रबंध करती है। यात्री यदि चाहे तो दिल्ली में खान-पान और ठहरने की अपनी व्यवस्था कर सकते हैं।

आवेदक ऑनलाइन पंजीकरण करने के पूर्व अपनी सेहत और तंदुरुस्ती की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए कुछ बुनियादी जांच कर सकते हैं। तथापि, यह जाँच यात्रा से पहले दिल्ली में डीएचएलआई और आईटीबीपी द्वारा की जाने वाली चिकित्सा जाँचों के लिए वैध नहीं होगी।

परामर्श:इस यात्रा में प्रतिकूल हालात, अत्यंत खराब मौसम में ऊबड़-खाबड़ भू-भाग से होते हुए 19,500 फुट तक की चढ़ाई चढ़नी होती है और यह उन लोगों के लिए जोखिम भरा हो सकता है जो शारीरिक और चिकित्सा की दृष्टि से तंदुरुस्त नहीं हैं। यात्रा कार्यक्रम अनंतिम है और उसमें शामिल स्थानों की यात्रा किसी भी समय स्थानीय हालात के अध्यधीन है। भारत सरकार किसी भी प्राकृतिक आपदा के कारण अथवा किसी भी अन्य कारण से किसी यात्री की मृत्यु अथवा उसके जख्मी होने अथवा उसकी संपत्ति के खोने अथवा क्षतिग्रस्त होने के लिए किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं होगी। तीर्थयात्री यह यात्रा पूरी तरह से अपनी इच्छा शक्ति के बल पर तथा खर्च, जोखिम और परिणामों से अवगत होकर करते हैं। किसी तीर्थयात्री की सीमा पार मृत्यु हो जाने पर सरकार की उसके पार्थिव शरीर को दाह-संस्कार के लिए भारत लाने की किसी तरह की बाध्यता नहीं होगी। अतः मृत्यु के मामले में चीन में पार्थिव शरीर के अंतिम संस्कार के लिए सभी तीर्थ यात्रियों को एक सहमति प्रपत्र पर हस्ताक्षर करना होता है।

यह यात्रा उत्तराखंड, दिल्ली और सिक्किम राज्य की सरकारों और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के सहयोग से आयोजित की जाती है। कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) और सिक्किम पर्यटन विकास निगम (एसटीडीसी) तथा उनके संबद्ध संगठन भारत में यात्रियों के हर जत्थे के लिए सम्भारगत सहायता और सुविधाएं मुहैया कराते हैं। दिल्ली हार्ट एवं लंग इंस्टीट्यूट (डीएचएलआई) इस यात्रा के लिए आवेदकों के स्वास्थ्य स्तरों के निर्धारण के लिए चिकित्सा जाँच करता है।

अस्वीकरण:इस मंत्रालय ने इस यात्रा के आयोजन के लिए किसी अन्य गैर-सरकारी संगठन, स्वैच्छिक संगठन अथवा व्यक्ति को किसी भी प्रयोजन के लिए अथवा किसी भी तरीके से शामिल नहीं किया है। ऐसे संगठन अथवा व्यक्ति द्वारा संयोजन का कोई दावा उनका अपना है और विदेश मंत्रालय का इस संबंध में कोई दायित्व नहीं है।

विधिक : कैलाश मानसरोवर यात्रा की वेबसाइट की विषय वस्तु पर कोई प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना सभी दावे, विवाद और मतभेद केवल दिल्ली स्थित न्यायालयों के क्षेत्राधिकार के अध्यधीन होंगे।